अफसर
डंडा उठा अब मे अफसर हुआ चलता हु
बगल में फाइल दबा अब पूरा दफ्तर लिए चलता हु
अब हाथ मे पान और मुह मे गाली है,
और कुर्ते धारियों का सबसे चहेता ,ये अफसर मवाली है।
अब तो आलम ये है की रिश्वत ना मिले
तो उसके घर से तेल का कनस्तर लिए चलता हु,
मतलब कुल मिलकर अब दादागिरी छायी है
और यकीन मानो नौकरी पर हमारी रोनक फिर से लोट आई है.
डंडा उठा अब मे अफसर हुआ चलता हु
बगल में फाइल दबा अब पूरा दफ्तर लिए चलता हु
अब हाथ मे पान और मुह मे गाली है,
और कुर्ते धारियों का सबसे चहेता ,ये अफसर मवाली है।
अब तो आलम ये है की रिश्वत ना मिले
तो उसके घर से तेल का कनस्तर लिए चलता हु,
मतलब कुल मिलकर अब दादागिरी छायी है
और यकीन मानो नौकरी पर हमारी रोनक फिर से लोट आई है.