आ अपने अपने आसमान मे कुछ उमीदे उछाले
बादलों के कान मे मोर पंख डाले
छोड़ आये उम्मीद के कुछ बीज उसकी क्यारी मे भी
चल फिर चुपके से हंसती ज़िन्दगी को निहारे
बादलों के कान मे मोर पंख डाले
छोड़ आये उम्मीद के कुछ बीज उसकी क्यारी मे भी
चल फिर चुपके से हंसती ज़िन्दगी को निहारे