Total Pageviews

Monday, March 14, 2011

परम्परा


लोग पुछते हैं की क्या तुम जानते हो
हमारी परम्परानो और मान्यताओ को मानते हो 
मेने छोटे मन से पूछा ,कैसी मान्यता  
उत्तर मिला तुम नहीं जानते 
यह हिन्दू है ,यह भगवन को पूजता है
यह मुस्लिम, इसका सर केवल अल्लाह के लिए झुकता है 
और यह सिख है और यह ईसाई 

यह कैसी  मान्यता ,जो दिलो को दिलो से दूर करती  है 
यह कैसे परम्परा, जो जीवित स्त्री को सती करती है .
मेने कहा के मेरा मन तो इन सोचो से दूर है
दूर है ! इसका मतलब तू यहाँ की  नहीं विदेशी धुल है ..

यह कैसी  मान्यता जो त्योहारों पर पशुओं  का  नरसंघार करती  है 
और उन्हें के खून से अपने भाग्वान का श्रींगार करती है 
यह कैसे मान्यता ,की अपने सुख में दूसरो को दुःख दो 
गर्दन पर चाक़ू फिराओ और बोलो मत रो 

No comments:

Post a Comment