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Sunday, December 14, 2014

दरारो को पाटने का केवल एक ही शिल्प है ,दौडने दीजिए दरारो के बिच उगती फफूंद को
दरारे ईतिहास का श्रृंगार होती हैं। उनका एक मात्र निरघारित उददेशय है । अपने अन्दर टुटते 
ईतीहास की खनक को दुनिया तक पहुँचाना।

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